आजाद कहो – सुनो प्रताड़ित -पीड़ित दोस्तों ने आजादी पर सभा बुलाई , अध्यक्षता थाम’ अनल’ जी बोलें – मैं उनको ‘आप ‘कह हार गया , परन्तु मेरा’ अनुज ‘ ही होसियार समझती हैं . दमदार सदस्य ‘अशोक ‘खड़े हुए – सारे भाई -बहन दरकिनार करने पे भी वो ही भारी ,मैं सिर्फ आजीवन आभारी , कृपा ससुराल -तीर्थ की ,मानें सारी.
भोला जी ‘ने सपाटा मारा – सारी उम्र ढोने में लगा रहा , फिर भी सबसे कमजोर माना जाता . रामजी’ बाबू’ दरियादिली बखानें – बीमार तन को भार दिए बगैर , विज्ञान बदौलत , औलाद लाया ,फिर भी डॉ .घासलेटी माने . ओमप्रकाश ‘ ने हकलाते हक़ जमाया – धन इक्क्ठा हमने खूब किया पर अब बीबी का होश साथ नहीं . तारिक़ भाई ‘सोनू ‘ शर्माते कह दिए – कइयों के झगड़े में मज़ा लिया , अब अपने ही घर ,पाकिस्तान (ससुराल ) सीज़ फायर तोड़ , उकसाने – ‘विज़ज़ु -जग्गू ‘ को नशे में भेजता है . कनिष्ट ‘पप्पूजी भाई ‘ ने अंत में कहा – भैया लोग ,सब सह के भी चार परिवार न सम्भले , आज प्राचीर खड़ा ‘नरेंद्र भैया ‘कैसा निकलें की एक राज्य चला कर , आरोप झेल रहे की देखो ! ” एक व्यक्ति देश चला रहा है “. ———–अमित शाश्वत ,पटना
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