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माननीय प्रधानमंत्री जी ने ” मन की बात ” श्रृंखला की आठवीं चर्चा की .प्रथम ‘ मन की बात ‘से ऐतिहासिक शुरुआत करके अब तक जिस सहज स्वरूप में हार्दिक भावयुक्त विचार जनता के बीच पहुचाएं ,वे मन से मन को स्पर्श करने जैसा है . मन की चर्चा के द्वारा कार्यक्रम दर कार्यक्रम नरेन्द्र मोदी आमजन से आत्मीयता स्थापित करते जा रहे है . जिस प्रकार कोई जागरूक और स्वतंत्र विचारों का अभिभावक अपने परिवार में बेहतर संवाद स्थापित करके सफल दिशा सञ्चालन द्वारा उन्नति का बीज रोपण किया करता है . एक सुगढ़ राष्ट्रीय अभिभावक के सार्थक स्वरूप के तहत नरेंद्र मोदी ने स्वयं के नेतृत्व में संरक्षित हिंदुस्तान के लिये स्नेह ,श्रद्धा तथा समर्पण के भावों के साथ विवेकयुक्त विचारों को मन की बात में समर्पित किया है .यह शासन को जन -मन से जोड़ने की सार्थक आधुनिक पहल अवश्य है .जिससे नरेंद्र मोदी निरंतर आमजन से घनिष्ट सम्बन्ध कायम करते भी जा रहे हैं . भारतीय राष्ट्राध्यक्ष द्वारा मन की बात के अवधारणा को सामान्य व् मात्र राजनैतिक प्रयास के रूप में नहीं माना जा सकता .’ मन की बात ‘ आधुनिक जनसंचार के सफल उपयोग सहित सार्थक जनसम्पर्क को इंगित करता है जिसमे सरकार को जनता से और जनता को शासन से जुड़ने हेतु व्यापक मार्ग सरलता से बनता हीहै . जन सामान्य से संपर्क की ‘ मोदी शैली ‘ नक़ल अथवा प्रशिक्षण का प्रतिफल तो हरगिज नहीं है .सीधे और सच्चे विचारोपरान्त माना जाए तो प्रधानमंत्री जी की स्वयं के आमजन विशेषता सहित वास्तविक जन-विशेष्ज्ञता की “लघुता ते प्रभुता ” संपन्न विचारशैली का प्रतिफल है -मन की बात . ——-अमित शाश्वत
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