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डा. ए पी जे अब्दुल कलाम अब शारीरिक रूप से हमारे बीच नहीं रहे . एक विरले इंसान के रूप में कलाम साहब ने जीवन भर कार्य किया .सादर राष्ट्रपति के पद को सुशोभित करके उन्होंने भारतीय शासन व्यवस्था को कृतार्थ किया .पूर्व प्रधान मंत्री माननीय अटल बिहारी वाजपेयी की कुशल व् पारखी शैली ने हिंदुस्तान के व्यवस्था में डा. कलाम को शामिल करने का अभूतपूर्व कार्य संभव किया . डा .अब्दुल कलाम ने वैज्ञानिक के अपने स्वरूपगत भूमिका में भारत के लिए ऐतिहासिक वैज्ञानिक कार्य संभव किया .जिससे हिंदुस्तान को आधुनिक विश्व के समक्ष आत्मविश्वास से खड़ा होने में भरपूर सामर्थ्य प्राप्त हुआ .जिन्होंने हिंदुस्तान की आजादी – आंदोलन के समर्थ नेतृत्वकर्ता महात्मा गांधी को सशरीर न देखा था वह अब्दुल कलाम को देख -जान -समझ कर बापू के विषय में बहुत विश्वास प्राप्त करता रहा .वास्तव में कलाम साहिब का जीवन -दर्शन राष्ट्रपिता के जैसा ही आम जीवन ही था जो बिलकुल सादगी व् उत्कृष्ट विचारों से ओतप्रोत था .हालाँकि आधुनिक वक्त के अनुरूप विज्ञानं के मार्फ़त देश को डा.कलाम ने जबरदस्त ताकत प्रदान किया . जिससे स्वतंत्र भारत की आजादी आधुनिक वैश्विक माहौल में सुरक्षित महसूस की जाती है .जहाँ तक राजनैतिक स्वरूप से सवैधानिक सर्वोच्च पद धारण का सवाल है वहां कमल , गुलाब व् सूरजमुखी के परम्परा का सम्मान डा.कलाम ने अवश्य निभाया .हिंदुस्तान के बच्चों , युवाओ के प्रति उनका स्नेहपूर्ण एव समर्पित ज्ञानप्रवाह कुदरत की पैगाम जैसी बेलौस रही . उनके कृतित्व व् जीवन – वृत्त में कुदरत की योजना परिलक्षित होती है .डा. कलाम आधुनिक हिंदुस्तान ही नहीं समूचे संसार के लिए कुदरत की तरफ से मानवीय मिसाल हैं . उनकी पवित्र आत्मा को शत शत प्रणाम !— अमित शाश्वत
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