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मन की मन से चलती रहे बात, हे भारती तू करती हमेशा , जब समग्र विचारती, बेटे हम तेरे , हमारी कामयाबी की दुआ मांगती , उपहास , उकसावे की वाचाल पीड़ा पर मुस्कराती हम करें हैं हर क्षण तेरी ही आरती , हे भारती, हे भारती . **** तेरा आँचल है काश्मीर , तेरे पांवों की पवित्रता है कन्याकुमारी , सिमटी सकुचाई अब न हो तेरा आँचल , ना ही तेरे भाल , हिन्द का दामोदर, नरेन्द्र नहीं सम्भला पकड़ तेरे बाल , है आज वह चलने लगा दुनिया में अपनी ही चाल , झांसी तेरा ही लक्ष्य साध रहा अब हरेक लाल , हम करें हैं हर क्षण तेरी ही आरती , हे भारती, हे भारती . **** अपनी त्याग तपस्या और उर्वरता से जन – जीवन संवारा , अपने संतानों को पिला दिया अपना रुधिर भी सारा , अब हिंदुस्तान का भाग्य चमके , ज्यों आसमान सितारा , लक्ष्य एक , एक ही हो गया है माँ- आज हिन्द का नारा, फर्ज के बन्दे हुए हम , जगत नतमस्तक , चरण तुम्हारा , हम करें हैं हर क्षण तेरी ही आरती , हे भारती, हे भारती.
—————————-अमित शाश्वत——————
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